jodhpur me ghumne ki jagah – जोधपुर भारत के राजस्थान राज्य का एक प्रसिद्ध शहर है जो अपने किला महलों और ऐतिहासिक विरासत के लिए जाना जाता है जोधपुर के काफी ज्यादा घर ब्लू रंग से रंगे हुए हैं जिसके कारण इसे ब्लू सिटी भी कहा जाता है और यहां पर पूरे साल तेज धूप पड़ती है जिसके कारण जिसे सनसिटी भी कहा जाता है जोधपुर की स्थापना मारवाड़ राज्य के राजा जोधा ने 1469 ईस्वी में की थी जोधपुर का इतिहास राजपूत युद्ध और संस्कृति से भरा हुआ है जोधपुर में आपको काफी सारे किले देखने के लिए मिलते हैं जिनमें मेहरगढ़ किला उम्मेद भवन पैलेस जसवंत थड़ा शामिल है जोधपुर में खाना भी काफी ज्यादा प्रशिद है जिनमें मिर्ची बड़ा मावा कचोरी दाल बाटी चूरमा शामिल है जोधपुर के खूबसूरत शहर है अगर आप जोधपुर घूमने के लिए जा रहे हैं तो आप हमारे आर्टिकल में आखिर तक बने रहे क्योंकि हम हमारे इस आर्टिकल में आपको jodhpur me ghumne ki jagah के बारे में विस्तार से बताएंगे
1. मंडोर गार्डन – jodhpur me ghumne ki jagah
मंडोर गार्डन जोधपुर से लगभग 9 किलोमीटर उत्तर में स्थित एक ऐतिहासिक जगह है जो मारवाड़ के साहित्य इतिहास को दर्शाता है मंडोर का इतिहास छठवीं शताब्दी से जुड़ा हुआ है जब यह क्षेत्र प्रतिहार वंश के शासन में था राठौड़ वंश के संस्थापक राजा जोधा ने 1459 में जोधपुर की स्थापना की और मंडोर को छोड़कर यह गए और जोधपुर की राजधानी बन गई इसके बाद मंडोर को शाही परिवार के शमशान स्थल के रूप में उपयोग किया जाने लगा अगर आप मंडोर घूमने के लिए जा रहे हैं तो आपको मडोर गार्डन में काफी सारे शासको की स्मृतियां देखने के लिए मिल जाएगी इसके अलावा आपके यहां पर 33 एकड़ में फैले देवी देवताओं के मंदिर भी देखने को मिलेंगे और एक म्यूजियम भी यहां पर बनाया गया है इस गार्डन में घूमने के लिए आपको ₹20 का टिकट खरीदना होगा
2. घंटाघर और सरदार मार्केट – jodhpur me ghumne ki jagah
घंटाघर जैसे क्लॉक टावर भी कहा जाता है जोधपुर के बिलकुल बीच में स्थित ऐतिहासिक स्थान है इसका निर्माण महाराजा सरदार सिंह ने करवाया था यह टावर जोधपुर के भव्यता का प्रतीक माना जाता है और इसकी ऊंचाई लगभग 95 फिट है घंटा घर की वस्तु कला में आपको यूरोपीय और राजपूत शैली का मिस्रण देखने को मिलता है घंटाघर के चारों ओर फैला हुआ सरदार मार्केट जोधपुर का सबसे बड़ा और सबसे ज्यादा बेस्ट मार्केट माना जाता है इसका नाम सरदार सिंह के नाम पर रखा गया है यहां पर आपको राजस्थान के प्रसिद्ध चीज देखने के लिए मिल जाएंगे जिनमें जूतियां गहने शामिल है और राजस्थान खाने के लिए प्रसिद्ध है और आपके यहां पर खाने के एक से बढ़कर एक व्यंजन देखने के लिए मिल जाएंगे
3. मेहरानगढ़ किला – jodhpur me ghumne ki jagah
मेहरानगढ़ किला कई प्रसिद्ध फिल्मों की शूटिंग का स्थल भी रहा है डार्क नाइट रोडबेज और शुद्ध देसी रोमांस शामिल है मेहरानगढ़ किला 1459 में राठौड़ वंश के संस्थापक ने बनवाना शुरू किया था किले का नाम मेहरगढ़ से बदलकर मेहरानगढ़ कर दिया गया किले की दीवारें 36 मिनट ऊंची और 21 मीटर चौड़ी है इसे मज़बूत बनती है किले में सात प्रमुख गेट हैं जिनमें जयपुर फतेहपुर विशेष रूप से प्रसिद्ध है अगर आप जोधपुर जा रहे हैं तो आपको यह किला देखने के लिए जरूर जाना चाहिए अगर आप इस किले मैं जा रहे हैं तो यह सुबह 9:00 से शाम 5:00 बजे तक खुला रहता है किले के नीचे स्थित पार्क 72 एसर में फैला हुआ है जहां रेगिस्तान वनस्पति और आदित्य चट्टानों की संरचना बनाई गई है अगर आप जोधपुर जाते हैं तो आपको जोधपुर किया किला देखने के लिए जरूर जाना चाहिए
4. उम्मेद भवन पैलेस – jodhpur me ghumne ki jagah
उम्मेद भवन पैलेस जोधपुर राजस्थान का एक ऐतिहासिक और वास्तु कला का खूबसूरत उदाहरण है यह महल जोधपुर शहर से लगभग 6 किलोमीटर दूर स्थित है और इस क्षेत्र पैलेस भी कहा जाता है उम्मेद भवन पैलेस का निर्माण 1929 में राजा उमेश सिंह ने शुरू करवाया था जो जोधपुर के राजा और रातोरे वंश के 37 बे शासक थे यह महल स्थानीय लोगों को रोजगार प्रदान करने के उद्देश्य बनवाया गया था क्योंकि जोधपुर में 1920 के दशक में लगातार तीन वर्षों तक अकाल पड़ा और श्रमिकों को रोजगार देने के लिए इसे बनाया गया था और यह इस समय दुनिया का सबसे बड़ा निजी महलों में से एक माना जाता है महल के एक हिस्से में उम्मेद भवन म्यूजियम भी है जहां जोधपुर राजघराने से संबंधित कई सारी वस्तुओं को प्रदर्शित किया जाता है यहां पर आप इस म्यूजियम में चित्रकला आभूषण और वस्त्र रखे देख सकते हैं जो उस समय इस्तेमाल किए जाते हैं इसके अलावा उम्मेद भवन का एक हिस्सा शाही परिवार के रहने का स्थान है और एक हिस्से में होटल बना दी गई है अगर आप यहां पर घूमने के लिए जाना चाहते हैं तो आपको काफी ज्यादा अच्छा एक्सपीरियंस मिलने वाला है
5. जसवंत थड़ा – jodhpur me ghumne ki jagah
जसवंत थड़ा का निर्माण 1899 में महाराज सरदार सिंह ने अपने पिता महाराजा जसवंत सिंह की याद में करवाया था यह स्मारक जोधपुर के शाही परिवार के लिए एक शमशान स्थल के रूप में कार्य करता है यहां साही परिवार के कई सदस्यों की इस्मिर्तिया है स्मारक का निर्माण प्रसिद्ध वास्तुकार लल्लू लाल ने किया था जिन्होंने उम्मेद भवन पैलेस को अभी डिजाइन किया है जसवंत थड़ा की संरचना में सफेद संगमरमर का उपयोग किया गया है जो सूर्य की रोशनी में सुनहरे हवा का उत्सर्जन करता है इसमें जालीदार खिड़कियां सुंदर गुंबद और नाकशीदार स्तंभ है यह सुबह 9:00 बजे से शाम 5:00 बजे तक खुला रहता है और भारतीय नागरिकों के लिए इसमें ₹30 का टिकट लगता है यह जोधपुर के मेहरानगढ़ किले के पास स्थित है जो शहर के केंद्र से लगभग 1 किलोमीटर दूर है यहां पहुंचने के लिए बस टैक्सी या अपने निजी बाहन से भी जा सकते हैं
निष्कर्ष – jodhpur me ghumne ki jagah
जोधपुर राजस्थान का एक खूबसूरत शहर है और यह अपनी वस्तु कला और पहनावे और टूरिस्ट के सम्मान के लिए जाना जाता है जैसा कि आपको हमारे आर्टिकल को पढ़कर समझ आ गया होगा अगर आपको हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल अच्छा लगा है तो आप हमें कमेंट करके जरूर बताएं कि आपको हमारे द्वारा लिखा गया आर्टिकल jodhpur me ghumne ki jagah कैसा लगा
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